राष्ट्रपति पर महाभियोग प्रक्रिया - (Impeachment on Process President)
अनुच्छेद 61 के अनुसार भारत के राष्ट्रपति पर महाभियोग संविधान के अतिक्रमण पर लगाया जाता है।
- यह महाभियोग का संकल्प संसद के किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है।
- जिस सदन में महाभियोग का संकल्प पेश किया जाना है उस सदन के कुल सदस्य संख्या के एक चैथाई सदस्यों द्वारा हस्ताक्षरित आरोप पत्र राष्ट्रपति के पास 14 दिन पूर्व भेजा जाना आवश्यक हैं।
- जिस सदन में संकल्प प्रस्ताव पेश किया जाय, उसके सदस्य संख्या के बहुमत तथा उपस्थिति मतदान करने वाले सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से संकल्प पारित किया जाना चाहिए।
- जिस सदन में संकल्प पेश किया गया वहाँ से पारित संकल्प दूसरे सदन में भेजा जायगा।
- दूसरे सदन में लगाये गये आरोप की जाँच होगी। यह जाँच सदन स्वयं करेगा या किसी न्यायालय या न्यायाधिकरण के गठन के द्वारा करेगा। जहाँ राष्ट्रपति या तो स्वयं उपस्थित होगा या किसी अधिवक्ता द्वारा अपना बचाव पक्ष रखेगा।
- सदन में आरोप के सिद्ध होने के पश्चात सदन अपनी संख्या के बहुमत से तथा उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के 2/3 बहुमत से संकल्प पारित कर देगा।
- संकल्प के पारित होने के तारीख से राष्ट्रपति को अपने पद से हटना होगा।
नोट: -
- राष्ट्रपति की महाभियोग प्रक्रिया में संसद के दोनों सदनों के मनोनीत सदस्य भाग लेते है।
- राज्य विधान सभा के निर्वाचित सदस्य तथा दिल्ली और पांडिचेरी केन्द्रशासित प्रदेशों की विधान सभााओं के सदस्य महाभियोग प्रक्रिया में भाग नहीं लेते है।
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