जम्मू-कश्मीर राज्य के लिए विषेश उपबन्ध / दर्जा (Special provision for the State of Jammu and Kashmir)


            भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 में कुछ विशेष कारणों से जम्मू-कश्मीर जो भारत राज्यक्षेत्र का अभिन्न भाग है के संबंध में उपबंध है। 
  • भारतीय संविधान की पहली अनुसूची से संबंधित सभी उपबंध जम्मू-कश्मीर पर लागू नहीं होते है।
  • भारतीय स्वतन्त्रता अधिनियम, 1947 द्वारा देशी रियासतांे की इच्छा पर आधारित था कि वह चाहे तो पाकिस्तान में या भारत में मिल सकते है या अपना पृथक अस्तित्व बनाये रख सकते है। जम्मू-कश्मीर रियासत प्रमुख हरी सिंह ने 26 अक्टूबर 1947 को जम्मू-कश्मीर पर कबाइलियों के आक्रमण के जो पाकिस्तानी सरकार द्वारा समर्थित थे के फलस्वरूप विलय के अधिपत्र पर हस्ताक्षर कर कश्मीर को भारतीय संघ में शामिल करने की औपचारिक घोषणा कर दी।
  • जिस अधिपत्र के आधार पर भारत का उस रियासत के प्रतिरक्षा, विदेश तथा संचार संबंधी मामलों पर अधिकार होग गया।
  • अनुच्छेद 370-जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में अस्थायी उपबंध इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी।
         (क) अनुच्छेद 238 के उपबंध जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में लागू नहीं होंगें।
         (ख) उक्त राज्य के लिए विधि बनाने की शक्ति: -
  1.  संघ सूची और समवर्ती सूची के उन विषयों तक सीमित होगी जिनको राष्ट्रपति उस राज्य की सरकार से परामर्श करके, उनक विषयों के तत्स्थायी विषय घोषित कर दे जो भारत डोमिनियन में उस राज्य के अधिमिलन को शासित करने वाले अधिमिलन पत्र में ऐसे विषयों के रूप में विनिर्दिष्ट है जिनके संबंध में डोमिनियन विधान मंडल उस राज्य के लिए विधि बना सकता हैं।
  2.  उक्त सूचियों के उन विषयों तक सीमित होगी जो राष्ट्रपति उस राज्य की सरकार की सहमति से, आदेश द्वारा विनिर्दिष्ट करें।
          (ग) अनुच्छेद 1 और इस अनुच्छेद के उपबंध उस राज्य के संबंध में लागू होंगें।
         (घ) इस संविधान के ऐसे अन्य उपबंध ऐसे अपवादी और उपांतरणों के अधीन रहते हुए, जो राष्ट्रपति आदेश द्वारा विनिर्दिष्ट करें, उस राज्य के संबंध में लागू होंगे।

        परन्तु ऐसा कोई आदेश जो उपखंड (ख) के पैरा (1) में निर्दिष्ट राज्य के अधिमिलन पत्र में विनिर्दिष्ट विषयों से संबंधित है, उस राज्य की सरकार से परामर्श करके ही किया जाएगा अथवा नहीं।

भारतीय संघ के साथ जम्मू-कश्मीर राज्य की कुछ विशेष विशेषताएं -

  1.  भारतीय संसद को राज्यों के संबंध में कानून बनाने की अवशिष्ट शक्तियाँ प्राप्त है जबकि जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में यह शक्तियाँ राज्य विधान मण्डल को प्राप्त होता है।
  2.  संवैधानिक आदेश 1986 द्वारा अनुच्छेद 249 को जम्मू-कश्मीर राज्य पर लागू कर दिया गया है।
  3.  संविधान के अनुच्छेद 22 (7) के अनुसार निवारक निरोध से सम्बन्धित विधान बनाने की शक्तियाँ संसद के स्थान पर जम्मू-कश्मीर विधान मंडल को दी गई है।
  4.  जम्मू-कश्मीर राज्य को कुछ विशेषाधिकार दिये गये हैं जो अन्य राज्यों को प्राप्त नहीं है।
(1) संविधान के अनुच्छेद 352 के उपबंध के अनुसार राष्ट्रपति आंतरिक अशांति के आधार पर आपात काल की घोषणा जम्मू-कश्मीर राज्य सरकार की सहमति के बिना नहीं किया जा सकता है।
(2) संसद राज्य सरकार की सहमति के बिना राज्य को प्रभावित करने वाला कोई निर्णय नहीं ले सकती है।
(3) जम्मू-कश्मीर राज्य में संवैधानिक निलंबन से संबंधित अनुच्छेद 356-357 को संशोधन आदेश, 1964 के द्वारा विस्तृत किया गया है।
(4) जम्मू-कश्मीर राज्य में दो प्रकार की आपातकाल की घोषणाएं होती है।
  •  जम्मू-कश्मीर के संविधान की धारा 92 के अधीन राज्यपाल का शासन।
  •  भारत के संविधान के अनुच्छेद 356 के अधीन ‘राष्ट्रपति शासन‘ जैसा कि अन्य राज्यों से संबंध में प्रावधान है।
नोट:   1.  जम्मू-कश्मीर में सर्वप्रथम राज्यपाल शासन 27 मार्च 1977 को लागू हुआ।
          2.  पहल बार जम्मू-कश्मीर में 7 सितम्बर 1986 को राष्ट्रपति शासन लागू हुआ।

(5) अनुच्छेद 365 के अंतर्गत केन्द्र सरकार अपने आदेश के पालन की जिम्मेदारी के आधार पर राज्य के संविधान को निलंबित नहीं कर सकती हैं।
(6) अनुच्छेद 360 के अधीन केन्द्र सरकार जम्मू-कश्मीर राज्य में वित्तीय आपातकाल की घोषणा नहीं कर सकती है। 
(7) संविधान के भाग-4 के राज्य के नीति निदेशक तत्वों से संबंधित अनुच्छेद तथा मौलिक कर्तव्य जम्मू- कश्मीर पर लागू नहीं होते है।
(8) राज्य में नौकरी, निवास तथा संपति का विशेष अधिकार केवल उस राज्य के निवासियों को प्राप्त है।
(9) जम्मू-कश्मीर राज्य के लिए एक अलग संविधान है।
(10) संविधान संशोधन अधिनियम अनुच्छेद 368 जम्मू- कश्मीर राज्य पर लागू नहीं किया जा सकता है।
(11) राज्य का अपना संविधान 26 जनवरी 1957 को लागू किया गया।
(12) भारतीय संविधान की पाँचवी अनुसूची तथा छठी अनुसूची राज्य पर लागू नहीं होती है।

अन्य तथ्य -(1) जम्मू-कश्मीर में राज्य की जनता द्वारा प्रभुत्वसम्पन्न संविधान सभा का निर्वाचन किया गया जिसका प्रथम अधिवेशन 31 अक्टूबर 1951 को हुआ।