राजस्थानी चित्रकला एवं विभिन्न चित्र शैलियाँ

  • शाहजहाँ और औरंगजेब की पगड़ियांे के साथ उची मारवड़ी पगड़िया जिसमें ऊँट,हिरण आदि से किस चित्रशैली का प्रभाव दृष्टिगोचर होता हैं। वह कौनसी चित्रकला हैं ? 
  • मारवाड़ी चित्रशैली।
  • बणी-ठणी चित्र शैली जिसे भरत की मोनालिसा कहते हैं ? 
  • किशनगढ़ शैली।
  • मेवाड़ में रागमाल,रसिक प्रिया, गीत गोविन्द जैसे विषयों पर लघुचित्र किस शासक के काल में चरम सीमा पर पहुँची ? 
  • महाराणा अमर सिंह प्रथम।
  • जैसलमेर चित्र शैली का प्रमुख चित्र का नाम ? 
  • मूमल।
  • वर्षा में नाचता हुआ मोर किस शैली से संबंधित हैं ?
  • बूंदी शैली।
  • ढोला मारू चित्र किस शैली से संबंधित हैं?
  • जोधपुर शैली।
  • पिछवाई चित्र शैली कहाँ की प्रसिद्ध हैं?
  • नाथद्वारा राजसमंद।
  • गीत गोविन्द चित्र किस शैली का चित्र हैं ? 
  • मेवाड़ शैली।
  • निहाल चन्द किस शैली का प्रमुख चित्रकार हैं ? 
  • किशनगढ़ शैली का।
  • राजस्थान में चित्रकला का विकास कब हुआ ? 
  • 16वीं शताब्दी के प्रारम्भ में।
  • मौसर क्या हैं ? 
  • मृत्यु भोज।
  • जौसर क्या हैं ? 
  • जीवते जी भोज।
  • बढ़ार क्या हैं ? 
  • विवाह के समय किया जाने वाला भोज।
  • सागड़ी प्रथा का दूसरा नाम क्या हैं ?
  • बन्धवा मजदूर प्रथा।
  • बोरला आभूषण कहाँ पहना जाता हैं ? 
  • सिर,मस्तक का।
  • हमैल व टेवटा आभूषण कहाँ पहने जाते हैं ? 
  • गले का।
  • करधनी,कणकती आभूषण कहाँ पहने जाते हैं ? 
  • कमर के।
  • फीणी कहाँ का आभूषण हैं ? 
  • सिर। मस्तक का।
  • रखन व चूप कहाँ के आभूषण हैं ? 
  • दाँत के।
  • मुरकियाँ आभूषण कौन पहनते हैं ? 
  • कान में पुरूष पहनते हैं।
  • पतली सुरलियाँ आभूषण शरीर के किस अंग पर पहना जाता हैं ? 
  • कान में।
  • कोथला क्या हैं ? 
  • बच्चे के जन्म पर दिया जाने वाला पिहर पक्ष का सामान।
  • राजस्थान में त्याग प्रथा का संबंध किस वर्ग से हैं ? 
  • क्षत्रिय वर्ग से।
  • राजस्थन के ग्रामीण क्षेत्र मे ‘‘टूम‘‘ किसका नाम हैं ? 
  • आभूषण।
  • पोमचा किस रंग का होता हैं ? 
  • पीले रंग का।
  • भील महिलाओं द्वारा घुटने तक पहने जाने वाला घाघरा क्या कहलाता हैं ? 
  • कछाबू।
  • ‘मांदलिया‘ व ‘तिमणियाँ‘ आभूषण शरीर के किस अंग पर पहने जाने वाला आभूषण हैं। 
  • गले का आभूषण।
  • भारत सरकार ने किस चित्र शैली पर डाक टिकट जारी किया ? 
  • किशनगढ़ शैली।
  • रामलाल,अलीरजा व हसन जैसे चित्रकार जिन्होनें पक्षियों अपनी चित्र में दर्शाया कौनसी चित्रकला शैली हैं?
  • बूंदी शैली।
  • चारबैत लोक गायन शैली कहाँ की प्रसिद्ध हैं?
  • टोंक जिले की।
  • ‘चोप‘आभूषण कहाँ पहना जाता हैं ?
  • नाक में।
  • राजस्थान की किस चित्रशैली में पक्षियों को महत्व दिया जाता हैं ? 
  • बूंदी शैली।
  • कुंकुम पत्रिका क्या हैं ? 
  • विवाह निमंत्रण पत्र (कार्ड)।
  • सामेला क्या हैं ? 
  • वधू पक्ष की ओर से महिलाओं द्वारा वर का स्वागत करना।
  • बिनोटा क्या हैं ? 
  • वर वधू के जुते-जुतियों को बिनोटा कहते हैं।
  • आख्या क्या हैं ? 
  • जन्मसंबध्ंाी प्रथा।
  • बखेर क्या होता हैं ? 
  • मृत्यु से संबंधित प्रथा।
  • सातरवाड़ा क्या हैं ? 
  • मृत्यु से संबंधित प्रथा।
  • राजा महाराजा राजस्थान में अपनी लड़की की शादी में दहेज के साथ एक कुंआरी कन्या भी भेजते थे उसे क्या कहा जाता हैं ? 
  • डावरियाँ प्रथा।
  • नाता किस प्रथा का नाम हैं ? 
  • पुर्नविवाह।
  • राजाओं की सेना जब किसी गाँव के पास पड़ाव डालती तब गाँव वाले भोज की व्यवस्था करते थे उसे क्या कहते हैं ? 
  • खिचड़ी प्रथा।
  • मारवाड़ क्षेत्र में ‘रियाण‘ क्या हैं ? 
  • अफीम गलाकर समूह में बाँटना।
  • ‘तिलगा‘ किस जाति की महिलाएँ पहनती हैं ? 
  • मुस्लिम जाति की।
  • कुआँ पूजन के समय जच्चा कौनसी ओढ़नी ओढ़ती हैं? 
  • पीला -पोमचा।
  • चड़कीले-भड़कीले (लप्पा-झप्पा) युक्त सलवार-सूट किन महिलाओं द्वारा पहना जाता हैं ?
  • सिंधी महिलाएँ।
  • मारवाड़ में सिर पर साफा पहनते हैं तो मेवाड़ में सिर पर क्या पहना जाता हैं। 
  • पगड़ी।
  • राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्र में पुरूष श्वेत अंगरखी पहनते हैं। उसे क्या कहते हैं ? 
  • बुगतरी।
  • मेवाड़ चित्रकला शैली से संबंधित रचना हैं-
  • गीतगोविन्द
  • ‘निहालचंद‘ किसके दरबारी चित्रकार थे - 
  • सावंत सिंह
  • चावंड शैली की चित्रकला किसके शासनकाल में प्रारम्भ हुई - 
  • प्रताप
  • निहालचंद किस चित्रशैली का चित्रकार था-
  • किशनगढ़
  • साहिबुद्दीन व मनोहर किस शैली के चित्रकार हैं - 
  • उदयपुर शैली
  • शैल चित्रों के लिए प्रसिद्ध स्थल आलणिया किस जिले में स्थित हैं - 
  • कोटा
  • किस प्रकार की चित्रकारी का शाब्दिक अर्थ मोमलेखन हैं - 
  • बाटिक
  • चित्रकला की किशनगढ़ शैली में मुख्यतः किस वृक्ष को चिह्रित किया हैं - 
  • केला
  • किशनगढ़ चित्रकला शैली के विषय में सत्य हैं - 1.मानव आकृतियाँ अपेक्षाकृत लम्बी व पतली होती हैं। 2.विषय वस्तु मुख्यतः कृष्णलीला हैं। 3.चित्रों की पृष्ठभूमि में हरे रंग का आधिक्य हैं। - तीनों कथन सत्य हैं।
  • पोथीचित्रण,आदमकद व्यक्ति चित्र,लघु चित्रण और शैलचित्र में से कौनसी एक विशेषता जयपुर शैली की चित्रकला की नहीं हैं 
  • - शैलचित्र
  • प्रकृति का बहुमुखी चित्रण,लोकजीवन के चित्रण का उपेक्षापूर्ण अभाव,विषय-वस्तु की विविधता तथा श्रृंगार एवं भक्ति का सुन्दर समन्वय में से कौनसी एक राजस्थानी चित्रकला की विषेषता नहीं हैं
  • -लोक जीवन के चित्रण का उपेक्षापूर्ण अभाव।
  • किशनगढ़ शैली,नागौर शैली,देवगढ़ शैली और बीकानेर शैली में से कौनसी एक शैली मारवाड़ चित्रकला की उपशैली नहीं हैं 
  • - देवगढ़ शैली
  • व्याख्या:- देवगढ़ शैली का संबंध मेवाड़ चित्रकलाप से हैं।
  • नाथद्वारा शैली में सबसे अधिक चित्र किसके हैं
  • -श्रीकृष्ण के
  • नागरीदास का संबंध हैं 
  • - किशनगढ़ शैली से
  • चितेरों की ओबरी किससे संबंधित हैं 
  • - जगत सिंह प्रथम
  • व्याख्या:- यह महाराणा जगत सिंह प्रथम द्वारा राजमहल में स्थापित कला विद्यालय हैं,जो ‘‘तस्वीरां रो कारखानों‘‘ कहलाता हैं।
  • आदमकद पोट्रेट किसकी विशेषता हैं 
  • - जयपुर शैली की
  • कौनसा चित्रकार चित्रकला की मेवाड़ शैली से संबंध था 
  • - रूकनुद्दीन
  • शेखावाटी क्षेत्र किस प्रकार के चित्रों के लिए प्रसिद्ध हैं 
  • - भित्ति चित्रों के लिए
  • चित्रकला की किस शैली को प्रकाश में लाने का श्रेय डाॅ. फैय्याज अली को हैं 
  • - किशनगढ़ शैली
  • राजस्थानी चित्रकला में कौनसी विशेषता नहीं हैं 
  • - चित्र पर चित्रकार का नाम अंकित होना।
  • चित्रकला के विकास हेतु कार्यरत ‘‘आयाम तथा कलावृत संस्थान‘‘ किस जिले में स्थित हैं 
  • - जयपुर
  • राजस्थानी चित्रकला की मूल शैली के रूप में किस शैली को माना जाता हैं 
  • - मेवाड़ी शैली
  • ‘बणी-ठणी‘ पेटिंग संबंधित हैं-
  • किशनगढ़ (अजमेर) शैली से
  • व्याख्या:- बनी-ठणी/बणी-ठणी
  • -सावंतसिंह की प्रेयसी।
  • विख्यात कलाकार निहालचंद ने भक्त नागरीदास तथा उनकी प्राण प्रेयसी बनी बनी-ठणी को राधा और कृष्ण का रूप देकर उनके जीवन को चित्रबद्ध किया।
  • एरिक डिक्सन ने बनी-ठणी को भारतीय मोनालिसा की संज्ञा दी।
  • सांवतसिंह (नागरीदास) का शासनकाल किशनगढ़ शैली का समृद्ध काल था। ये ब्रजभाषा में भक्ति और श्रृंगार की रचनाएँ करते थे।
  • सावंतसिंह के काल को किशनगढ़ शैली का स्वर्ण युग माना जाता हैं। इनका शासनकाल 1699 से 1764 ई. तक का था।
  • कौनसा महल मारवाड़ चित्रशैली एवं जनजीवन के चित्रों की अभिव्यक्ति के लिए प्रसिद्ध हैं 
  • - चोखा महल,जोधपुर
  • राजस्थानी चित्रकला का सबसे पहले वैज्ञानिक विभाजन किसने किया 
  • - आनन्द कुमार स्वामी
  • मेवाड़ चित्रशैली के प्रमुख चित्र ‘रागमाला चित्र‘ किस अजायबघर में सुरक्षित हैं 
  • - दिल्ली के अजायबघर में
  • राजस्थान में ब्ल्यू पाॅटरी का सर्वाधिक विकास किसके शासनकाल में हुआ था 
  • - रामसिंह
  • नूर मोहम्मद राजपूताने के किस राज्य का प्रमुख चित्रकार था 
  • - कोटा
  • पशु-पक्षी को जिस चित्रकला में विशेष स्थान मिलता हैं,वह हैं 
  • - बूँदी शैली
  • व्याख्या:-बूँदी शैली(स्कूल आॅफ पेटिंग)-राजस्थानी विचार धारा की चित्रकला का आरम्भिक मुख्य केन्द्र बूँदी था।
  • बूँदी चित्रकला शैली मेवाड़ चित्रकला शैली से प्रभावित रही।
  • बूँदी शैली के चित्रों में विभिन्न ऋतुओं का चित्रण किया गया हैं। इस शैली में अधिकांश चित्र शिकार के दृश्यों पर आधारित हैं।
  • वर्षा में नाचता हुआ मोर राजस्थान की एक विशेषता हैं,इस क्षेत्र में बूंदी की शैली बेमिसाल हैं।
  • राव उम्मेदसिंह 
  • - बूंदी शैली का सर्वाधिक विकास किया।
  • चित्रशाला (रंगविलास/रंगीनचित्र) 
  • -  महाराव उम्मेदसिंह के शासनकाल में निर्मित (1749-73 ई.),बूँदी चित्रशैली का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण।
  • रागमाला 
  • - बूँदी चित्रशैली का सर्वप्रमुख चित्र।
  • नाथद्वारा शैली के पेंटिग्स को सामान्यतः कहा जाता हैं 
  • - पिछवाई
  • महामारू शैली का प्रचलन किसके शासनकाल में हुआ 
  • - गुर्जर-प्रतिहार के
  • निहालचंद किस शैली का चित्रकार था 
  • - किशनगढ़
  • रामलाल,अली रजा एवं हसन जैसे विख्यात चित्रकारों का त्रिगुट किस चित्रशैली से संबंधित हैं - बीकानेर
  • 1973 में भारत सरकार द्वारा राजस्थानी चित्रशैली के किस चित्र पर स्मरणीय डाक टिकट जारी किया गया - बणी-ठणी
  • व्याख्या:- 5 मई,1973 को बणी-ठणी पर 20 पैसे का डाक टिकट जारी किया गया।
  • ‘कमल से भरे सरोवर‘ कौन-सी शैली का विषय हैं 
  • - किशनगढ़ शैली
  • प्रसिद्ध चित्र कृति ‘ढोला मारू‘ की शैली हैं 
  • - जोधपुर
  • चावण्ड शैली के प्रसिद्ध चितेरे नासीरूद्दीन (नासरदी) ने ‘रागमाला‘ का चित्रण किस शासक के संरक्षण मंे किया 
  • - अमरसिंह प्रथम
  • व्याख्या:- राणा अमरसिंह प्रथम के समय मंे रागमाला के चित्र चावंड में निर्मित हुये। इन चित्रों को नासरदी ने चित्रित किया।
  • अमरसिंह का शासनकाल मेवाड़ शैली का स्वर्णयुग माना जाता हैं। इनके समय बने रागमाला के चित्र वर्तमान में बड़ौदा/वडोदरा के म्यूजियम में स्थित हैं।
  • किशनगढ़ शैली का समृद्ध-काल किनके शासनकाल को माना जाता हैं 
  • - सावंत सिंह
  • भित्ति चित्रों की दृष्टि से राजस्थान का सम्पन्नतम क्षेत्र कौनसा हैं 
  • - कोटा -बूँदी
  • पोथीखाना जयपुर,पुस्तक प्रकाश जोधपुर एवं सरस्वती भण्डार उदयपुर में समृद्ध साहित्य उपलब्ध हैं जो न केवल राजस्थान को बल्कि भारत को भी समृद्ध बनाये हुए हैं,संबंधित हैं 
  • - चित्रकला से
  • ‘उस्ताद‘ कहलाने वाले चित्रकारों ने भित्ति चित्र किस नगर में बनाये हैं 
  • - बीकानेर
  • पिछवाई चित्रशैली का मुख्य विषय हैं 
  • - श्रीकृष्ण लीला
  • व्याख्या:- पिछवाई - मंदिरों में श्रीकृष्ण की प्रतिमा के पीछे दीवार को कपड़े से ढ़ककर उस पर कृष्ण की विविध लीलाओं को चित्रित करना। यह वल्लभ सम्प्रदाय के मंदिरों में विशेष प्रचलित हैं।
  • पिछवाई कला के प्रमुख केन्द्र - नाथद्वारा (राजसमंद),उदयपुर,बीकानेर,अलवर व जोधपुर।
  • श्रीनाथजी का मंदिर - नाथद्वारा में बनास नदी के तट पर स्थित हैं। यहाँ वल्लभ सम्प्रदाय की प्रधान पीठ हैं।
  • औरंगजेब के समय 1671 ई.में राजसिंह द्वारा श्रीनाथजी की मूर्ति वृन्दावन से यहाँ पर लायी गयी।
  • यहाँ की गायिकी हवेली संगीत के नाम से जानी जाती हैं। यहाँ की पिछवाई कला एवं अन्नकूट महोत्सव विश्व प्रसिद्ध हैं।
  • किसके शासन में निर्मित चित्रशाला (रंगीन चित्र) बूँदी शैली का श्रैष्ठ उदाहरण हैं 
  • - महाराव उम्मेद सिंह
  • पशु-पक्षियों को महत्व देने वाले स्कूल आॅफ पेन्टिंग का नाम हैं 
  • - बूँदी शैली
  • भित्ति चित्रण की दृष्टि से कहाँ की हवेलियाँ प्रसिद्ध हैं 
  • - शेखावाटी
  • जैसलमेरी शैली का कौनसा प्रमुख चित्र जैसलमेर के राज प्रासादों की प्रमुख शोभा था 
  • - मूमल
  • मांडणा हैं - एक लोक कला
  • कलीला-दमना हैं 
  • - मेवाड़ चित्र शैली की कहानी के दो पात्रों के नाम
  • राजस्थानी विचारधारा की चित्रकला का आरम्भिक मुख्य केन्द्र था 
  • - बूँदी
  • मेवाड़ के रागमाला,रसिक प्रिया,गीत गोविन्द जैसे विषयों पर लघु-चित्र शैली किस शासक के काल में चरम सीमा पर पहुँची 
  • - महाराणा अमर सिंह प्रथम
  • शाहजहाँ और औंरगजेब की पगड़ियों के साथ ऊँची मारवाड़ी पगड़ियाँ,ऊँट,हिरण आदि से किस चित्रकला शैली का प्रभाव दृष्टिगोचर होता हैं
  •  - राजपूती चित्रकला शैली
  • कला धरोहर का संरक्षण तथा राज्य के कलाकारों के प्रोत्साहन के लिए राष्ट्रपति ने जिस कला केन्द्र का उद्घाटन जयपुर में अप्रैल,1993 में किया,वह हैं 
  • - जवाहर कला केन्द्र,जयपुर