राज्य का महाधिवक्ता

 (Advocate General of the State)
संविधान के अनुच्छेद 165 में राज्य के महाधिवक्ता पद की व्यवस्था की गयी है। जिसकी नियुक्ति राज्यपाल करेगा।

योग्यता -

उच्च न्यायालय के न्यायाधीश पद के लिए योग्य होने वाले व्यक्ति की योग्यता होनी चाहिए।
उसे दस वर्ष तक न्यायिक अधिकारी का या उच्च न्यायालय में 10 वर्षों तक वकालत करने का अनुभव हो।

कार्यकाल -

संविधान द्वारा महाधिवक्ता के कार्यकाल का कोई निर्धारण नहीं है।
वह अपने पद पर राज्यपाल की इच्छा तक पद धारण करता है अर्थात् वह त्याग पत्र तब देता है जब मंत्रिपरिषद त्याग पत्र देती है।

वेतन -

उन्हें वे सभी सुविधाएँ एवं भत्ते मिलते है जो राज्य विधानमण्डल के किसी सदस्य के लिए निर्धारित होते है किन्तु संविधान में राज्य महाधिवक्ता के वेतन भत्तों को भी निर्धारित नहीं किया गया है। अतः उनके भत्तों का निर्धारण राज्यपाल द्वारा किया जाता है।